Folk Ballads
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चित्र: राजा सलहेस का गहवर, अल्ललपट्टी, लहरियासराय, दरभंगा, 2016. फोटोग्राफर: सुनील कुमार
लिंग्विस्टिक सर्वे ऑव इंडिया की वजह से जाने जाने वाले डॉ. ग्रियर्सन ने 1881 में ऐन इंट्रोडक्शन टू द मैथिली लिटरेचर ऑफ नॉर्थ बिहार, क्रिस्टोमैथी एंड वोकैबुलरी पुस्तक [i] लिखी, जिसमें राजा सलहेस की लोकगाथा…
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चित्र 1: राजा सलहेस का गहवर, चूनाभट्टी, दरभंगा, 2017. फोटोग्राफर: सुनील कुमार
लोककला और साहित्य के आईने में लोकगाथा राजा सलहेस को देखने से पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर दलितों की राजनीतिक-सामाजिक और साहित्यिक चेतना के उभार की पृष्ठभूमि में बिहार में दलितों की मन:स्थिति का परीक्षण आवश्यक है। इससे…
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In this article, Komal Kothari describes how he and Vijaydan Detha established Rupayan Sansthan in 1960, wanting it to be 'wholly "saturated" with the oral tradition of the inhabitants'. An introduction to the music, ballads, practices and lore recorded in the thousands by the…
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