पनका बुनकरों द्वारा बुने जाने वाले पैटर्न एवं मोटिफ्स
(यह आलेख गांव तोकापाल , बस्तर के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित बुनकर सिंधुदास पनका सेअगस्त २०१८ में हुई चर्चा पर आधरित है )
बस्तर में कपड़ा बुनाई का काम पनका , माहरा , कोष्टा देवांगन ,चंडार और गांडा जाति के लोग करते थे। इनमें से पनका और कोष्टा बुनकर समुदाय हैं जिनका पैतृक व्यवसाय कपड़ा बुनाई है। यह लोग अच्छे किस्म के पारम्परिक डिजाइन के कपड़े बुनते हैं । पनका सूती कपड़े बुनने और कोष्टा देवांगन कोसा का कपड़ा बुनने में दक्ष समझे जाते हैं। गांडा ,चंडार और माहरा सादा अथवा सरल डिजाइन के मोटे सूती कपड़े बुनते थे। सन १९७० के बाद यहाँ इन बुनकरों की स्तिथि में बहुत अंतर आना शुरू हो गया था। मिल के बुने सस्ते सूती और सिंथेटिक कपड़े बाजार में आना आरम्भ हो चुके थे और ग्रामीणों का रुझान उनकी ओर होने लगा था। पर इस समय तक बस्तर के बाहर विशेषतौर पर दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों के लोग और पारम्परिक कपड़ों की बुनाई पर शोध करने वाले बस्तर में बुने कपड़ो के बारे में काफी जानकारी पा चुके थे । तत्कालीन ऑल इंडिया हेंडीक्रफ्ट बोर्ड का सर्विस सेंटर जगदलपुर में खुल चुका था परिणाम स्वरूप सन अस्सी के दशक में बस्तर के अमरदास पनका को आदिवासी कपड़ा बुनाई में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके बाद पहली बार बस्तर के किसी बुनकर को महानगर के लोगों ने बुनाई करते हुए देखा। साथ ही बस्तर के पनका बुनकरों को भी यह ज्ञात हुआ कि उनके बुने कपड़े शहर में पसंद किये जा रहे है और अच्छे दामों पर वहां बिक सकते हैं।
उन्नीस सौ सत्तर के दशक तक बस्तर के पनका ८,१२ और २० नंबर के सूती धागे से बुनाई करते थे। प्राकृतिक सफ़ेद एवं आल का गहरा लाल -कत्थई रंग, बस इन्ही दो रंगों के धागों से बुनाई की जाती थी जो आज भी की जाती है।सफ़ेद पृष्ठभूमि पर लाल और लाल पृष्टभूमि पर सफ़ेद धागों से मोटिफ बुने जाते हैं। डिजाइन अथवा विभिन्न मोटिफ बुनने के लिए कोई ड्राइंग या नक्शा नहीं बनाया जाता। बुनकर अपनी कल्पना से कोई भी मोटिफ कल्पित करता है और अपने अनुभव तथा बुनाई कौशल से उसे बुनता है। वह डिजाइन के आकार के अनुरूप गिन -गिन कर ताने के धागे उंगलियों से उठता है और वांछित रंग का धागा पिरोता है। यह कुछ -कुछ धागे गिनकर की जाने वाली कढ़ाई करने जैसा ही होता है।
पारम्परिक तौर पर पनका, गैर आदिवासी स्त्रियों के लिए नक्की धोती और आड़े हाता धोती तथा पुरुषों के लिए ठेकरा टुवाल बुनते थे। माड़िया और मुरिया आदिवासियों के लिए सुन्दरमनी , पाटा ,ठेकरा पाटा ,कोबरी पाटा , खामिआ पाटा ,तड़प पाटा ,माय लूगा ,चौडल पिछरी ,बंदी अँगोछी और बंदी पाटा बुनते थे। साड़ी आठ हाथ लम्बी और दो हाथ दो अंगुल चौड़ी बुनी जाती थी।माय लूगा सोलह हाथ लम्बा बुना जाता है और इसे चौहरा करके ओढ़ा जाता है। पिछरी विवाह के समय वर -वधू ओढ़ते हैं इसे बुना तो दो हाथ चौड़ा जाता है पर इसमें दो कपड़ों को आपस में सिलकर तैयार किया जाता है, जिससे उसकी चौड़ाई चार हाथ हो जाती है। ।
पाटा और साड़ी अलग -अलग होती है , साड़ी में पल्लू होता नहीं या बहुत छोटा होता है परन्तु पाटा का पल्लू बड़ा और डिजाइनदार होता है। बुने गए डिजाइन की स्थिति के अनुसार पाटा के भिन्न -भिन्न नाम होते हैं। जैसे पल्लू के बीच में डिजाइन बना हो तो उसे खामिआ पाटा कहते हैं। किनार पर डिजाइन बनाया गया हो तब उसे बोड़धरी पाटा कहा जाता है। पल्लू पर कोई मोटिफ न हो केवल आल के लाल रंग का पट्टा बुना गया हो तो उसे ठेकरा पाटा कहा जाता है। तड़प पाटा का पल्लू दो हाथ का और पूरा डिजाइन से भरा होता है ,यह सबसे महंगा होता है और इसे बुनने में समय भी अधिक लगता है।
जिस प्रकार के आकृतिमूलक डिजाइन बस्तर और कोटपाड़ के पनका आज बुन रहे हैं ऐसे उस समय नहीं बुने जाते थे। उस समय बिल्ली खोज , फूल -पत्ती , गौर सींग ,चिता चौक ,गंजवा गाथन ,काना औंछा बेल ,कुम्भ कंगूरा , रामी आँइख और गुजरी फूल जैसे ज्यामितिक मोटिफ बुने जाते थे।
सन १९८० के दशक में बस्तर गांव के अमरदास पनका को भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने के बाद अनेक बुनकरों ने नए -नए आकार और आकृतियों के डिजाइन बुनना आरम्भ कर दिया। सन १९९० में सिंधुदास पनका ने एक दुपट्टा बुना जिस पर उन्होंने बस्तर के दशहरा उत्सव को दर्शाया था। सन १९९१ में उन्हें भी बस्तर की आदिवासी वस्त्र बुनाई के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यहाँ गांव तोकापाल के लगभग सत्तर वर्षीय आयु के सिंधुदास पनका द्वारा बुने गए कुछ नए -पुराने डिजाइन प्रस्तुत किये जा रहे हैं जो उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बुने हैं।
ढेकी - धान कूटने का परम्परि यंत्र।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Dheki.jpg?itok=AKcZOUxb)
ढेकी
डोंगा पार - वृक्ष के तने को खोखला करके बनाई गयी छोटी नाव।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Donga-paar.jpg?itok=sOceirXd)
डोंगा पार
लांदा हांडी - चावल से बनाये गए नशीले द्रव्य को रखने का बर्तन।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9075.jpg?itok=7BtAlK9k)
लांदा हांडी
माड़िया नाच - नृत्य करता माड़िया पुरुष।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Madia-naach.jpg?itok=Y865YG3n)
माड़िया नाच
माड़िन नाच - नृत्य करती माड़िया स्त्री।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9073.jpg?itok=6NH3rpAd)
माड़िन नाच
विवाह मंडप कलश - विवाह मंडप में रखा जाने वाला घट।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9070.jpg?itok=1TfrPSx2)
विवाह मंडप कलश
मशालची - हाथ में मशाल लिए आदमी।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9072.jpg?itok=wI43mQI-)
मशालची
कलश - पूजा में रखा जाने वाला घट।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kalash.jpg?itok=1LEgr8Kc)
कलश
कुम्भ ले जाते हुए - विवाह के समय कुम्भ ले जाया जाता है।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9071.jpg?itok=QuKk6F2B)
कुम्भ
बिल्ली खोज - बिल्ली की पद चिन्ह।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9069.jpg?itok=g5WQefPT)
बिल्ली खोज
कच्छिम - कछुआ।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kchhua%2C-Kekda%2C-mendak%20-%20Copy.jpg?itok=y_LaaTfZ)
कच्छिम
केंकड़ा - केंकड़ा
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/kekda.jpg?itok=LPjXxqg-)
केंकड़ा
मेंढका - मेंढक
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/DSC_9068.jpg?itok=xTvG6ApY)
मेंढका
काना औंछा बेल - पारपरिक ज्यामितीय पैटर्न
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kaana-onchha-bel.jpg?itok=fhC5fXmg)
काना औंछा बेल
कुम्भ कंगूरा - किनार के साथ बुने जाने वाले तिकोने पारम्परिक पैटर्न।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kumbh-kangura.jpg?itok=0fONbW3d)
कुम्भ कंगूरा
गौर सींग - जंगली भैंसा के सींग।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Gaur-singh.jpg?itok=1CeEK0-A)
गौर सींग
चिंता चौक - कैरी फूल - एक जंगली पौधे का फूल।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/chita-chauk%2C-Keri-fool.jpg?itok=r7GmS9uh)
चिंता चौक
रामी आँइख - रामजी की आँख।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Rami-ainkh.jpg?itok=LnY_D2__)
रामी आँइख
दाढ़ी वाला बाघ - बबर शेर।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Darhi-vala-sher.jpg?itok=uHkHS5dq)
दाढ़ी वाला बाघ
फूल टोकली - फूल रखने की डलिया।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Fool-tukni.jpg?itok=xaOGVL0G)
फूल टोकली
कैरी फूल -मछरी कांटा - फूल और मछली की रीढ़ का कांटा।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Keri-fool.jpg?itok=hM0lP4SI)
कैरी फूल
कौवा - कौवा पक्षी।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kaua-.jpg?itok=32FNd3di)
कौवा
मोर - मोर पक्षी।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Mor.jpg?itok=qTKepc-G)
मोर
बाघ - शेर
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Lal-sher.jpg?itok=1Bul45NW)
बाघ
फरसा - पशु बलि देने और लकड़ी काटने का हथियार।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Farsa.jpg?itok=E6egTXhd)
फरसा
कंघी - बाल बनाने की कंघी
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Kanghi.jpg?itok=JyrnhgVS)
कंघी
हांड़ी - पानी भरने का मिट्टि का बना बर्तन।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Chhata%2C-Chhatdi%2C-Matka.jpg?itok=Dcb46-Q1)
हांड़ी
छाता - खुली हुई छतरी।
![](https://www.sahapedia.org/sites/default/files/styles/sp_inline_images/public/users/user11484/Chhata.jpg?itok=P-2EoaQl)
छाता
गूजरी फूल - एक जंगली पौधे का फूल।
गंजवा गाथन - माड़िया आदिवासियों द्वारा बुना जानेवाला मछली पकड़ने का जाल।
छतरी - बंद छतरी
फूल-पत्ती - फूलऔर पत्ती से बना पैटर्न।
तुमढ़ी - लौकी को सुखाकर बनाया गया बर्तन।
छपाइ - माड़िया स्त्रियों द्वारा पैर की उँगलियों में पहना जाने वाला गहना।
This content has been created as part of a project commissioned by the Directorate of Culture and Archaeology, Government of Chhattisgarh, to document the cultural and natural heritage of the state of Chhattisgarh