मुश्ताक खान
जंगल, बस्तर के आदिवासियों के लिए सदैव ही जीवकोपार्जन का माध्यम रहे हैं। आदिवासी जीवन का प्रत्येक पहलू जंगल और उसके पेड़-पौधों से सम्बद्ध है। आदिवासी तथा उनके देवी-देवताओं का अस्तित्व वनों के बिना संभव ही नहीं है। इस क्षेत्र में बढ़ते शहरीकरण और व्यवसायीकरण से वनों की उपयोगिता और भी बढ़ गयी है। अनेक…
in Article
Ajay Kumar Chaturvedi
This content has been created as part of a project commissioned by the Directorate of Culture and Archaeology, Government of Chhattisgarh, to document the cultural and natural heritage of the state of Chhattisgarh.
in Video
मुश्ताक खान
राजिम ,छत्तीसगढ़ का एक छोटा सा शहर है। यह गरियाबंद जिले की एक तहसील है जो मुख्य रूप से राजीव लोचन मंदिर के कारण प्रसिद्द है। पुरातत्ववेत्ता राजिम के सुप्रसिद्ध राजीव लोचन मंदिर को आठवीं या नौवीं सदी का बताते हैं । यहाँ कुलेश्वर महादेव का भी मंदिर है जो संगम स्थल पर स्थित है। यहाँ तीन नदियों का…
in Article
The tree of Mahua is ubiquitous in Chhattisgarh. In the month of February the air is suffused with the sweet , rancid scent of Mahua flowers which fall everywhere. Women and children collecting mahua flowers at dusk form a familiar sight all over this region during this month. The flowers are…
in Module
Ajay Kumar Chaturvedi
तोर पीछवारे में एक पेड़ महुआ,
आवा ला लटा छोरी हारे सुन्दरी बाजो हो ललना।
जब तोरे आवा ला लटा छोरी हारे।
टपकी-टपकी चुवे लागे सुन्दरी बाजो हो ललना रे- 2
राती के महुआ भलनी बिछी खाये।
दिने बिछल जोडी हा रे सुन्दरी बाजो हो ललना रे - 2
कोन हर बिछे एक मोरा दूई,
कोने बिछल मोरा चारे सुन्दरी बाजो हो ललना रे - 2…
in Audio
Ajay Kumar Chaturvedi
झिरी-झिरी पानी बहे। संग मा बहे बालू,
महुआ बिछे गयेन मोला छेंक देहिस भालू।
भावार्थ- धीर-धीरे पानी के साथ बालू भी बहती है। मैं महुआ बिछने गया था। मुझे रास्ते में भालू पकड़ लिया। महुआ भालू का काफी प्रिय भोजन है। इसलिए महुआ के जंगलों में भालू का आना-जाना आम बात है।
This content has been created as…
in Audio
Ajay Kumar Chaturvedi
छत्तीसगढ़ राज्य का बस्तर और सरगुजा आदिवासी बहुल अंचल है। बस्तर में जो महत्व मादक पेय सल्फी का है, वही महत्व सरगुजा में महुआ का है। महुआ सरगुजा अंचल में आदिवासियों के जीवन ये सीधा जुडा हुआ है। इनके सभी कार्यक्रमों में महुआ या इससे बने दारु (शराब) मुख्यतः रहता है।
भारतीय उष्ण कटिबंधीय वृक्ष महुआ…
in Article
Team, Chhattisgarh Project
The Ramnamis are a community who are devotees of Ram naam (the name Ram). For them chanting the name Ram is the sole means of worship, devotion and salvation. They are followers not of Ram the son of Dashrath , but the Universal Being inherent in Ram naam. Their living environment is with Ram…
in Video
संजीव तिवारी
छत्तीसगढ़ी परम्पराओं में लोकगीतों का प्रमुख स्थान है। इन लोकगीतों में छत्तीसगढ़ी संस्कृति की स्पष्ट झलक मिलती है। यहाँ के लोकगीतों की समृद्ध परम्परा में भोजली, गौरा, सुआ व जस गीत जैसे त्यौहारों में गाये जाने वाले लोकगीतों के साथ ही करमा, ददरिया, बाँस, पंडवानी जैसे सदाबहार लोकगीत शामिल हैं। इन…
in Article