Chhattisgarh

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चौमासा जनजातीय और लोक कला पर केंद्रित मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कल्याण परिषद द्वारा प्रकाशित एक त्रैमासिक पत्रिका है। Chaumasa is a quarterly journal published by the Madhya Pradesh Adivasi Lok Kalyan Parishad centered on tribal and folk art. This article was published as volume 8 & volume 9 as a…
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मुश्ताक खान
बस्तर के अनुष्ठानिक दिये विभिन्न प्रकार के सुन्दर एवं कलात्मक दीपक बनाने की परंपरा समूचे भारत में देखने को मिलती है। मिट्टी,लोहा,पीतल जैसे भिन्न .भिन्न माध्यमों में बनाए जाने वाले इन दीपकों की एक सुदीर्घ एवं समृद्ध श्रृंखला है। विश्व की अनेक प्राचीन सभ्यताओं के अवशेषों से भांति .भांति के दीपक…
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मुश्ताक खान
बस्तर के पारंपरिक लोह-शिल्प   यूंतो सारे बस्तर में ही लोहार फैले हुए हैं  किन्तु  कलात्मक सूझ-बूझ और तकनीकी कौशल की दृष्टि से कोंण्डागांव क्षेत्र के लोहार अत्यन्त उच्च श्रेणी में आते हैं । हालांकि लोक एवं आदिवासी कलाओं के व्यवसायिकरण ने बस्तर के लोहारों को भी प्रभावित किया है, और उनकी कला में…
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मुश्ताक खान
बस्तर के लोहार एवं उनका सामाजिक महत्त्व   छत्तीसगढ़ में लोहे का काम करनेवाले दो समुदाय पाए जाते हैं, लोहार और अगरिया। इनमें अगरिया बहुत कम संख्या में हैं और यह रायगढ़ एवं सरगुजा क्षेत्र में अधिक पाए जाते हैं जबकि लोहार जो अब अपने को विश्कर्मा भी कहने लगे हैं, बस्तर क्षेत्र में बहुतायत में हैं। यद्यपि…
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मुश्ताक खान
  छत्तीसगढ़ में लोहे का काम करने वाले दो समुदाय पाए जाते हैं, लोहार और अगरिया। यद्यपि यह  दोनों  ही समुदाय लोहे से कृषि उपकरण एवं दैनिक जीवन में काम आनेवाली अनेकों वस्तुएं बनाते हैं परन्तु बस्तर के लोहारों ने लोहे से जो कलात्मक दीपक एवं अन्य सजावटी कलाकृतियां बनाने में दक्षता हासिल की है वह अद्वितीय…
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मुश्ताक खान
मानव में अपने शरीर को सजाने, संवारने की नैसर्गिक प्रवृति होती है। अनादिकाल से ही वह अनेक प्रकार के उपादानों से स्वयं को आकर्षक बनाने के प्रयास करता रहा है। स्त्रियों में तो यह प्रवृति और भी तीव्रतर होती है, वे न केवल स्वयं को अधिक सुन्दर देखना चाहती हैं बल्कि अन्यों से अलग भी दिखने की अभिलाषा रखती…
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