Chhattisgarh

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मुश्ताक खान
  यह आलेख कोंडागांव के हरिहर वैष्णव एवं खेम वैष्णव से हुई चर्चा पर आधारित है   बस्तर की धार्मिक-सामाजिक मान्यताएं एवं रीति-रिवाज आदिवासी तथा गैर आदिवासी विश्वासों का एक जटिल मिश्रित रूप हैं। संभवतः यही कारण है कि यहाँ की अधिकांश प्रथाएं समुदायगत न होकर क्षेत्रीय स्वरुप रखती हैं। अधिसंख्य देवी-देवता…
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मुश्ताक खान
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र अपनी कला विरासत के लिए प्रसिद्ध है। यहां आदिवासी एवं गैर आदिवासी संस्कृति का मिलाजुला अध्भुत आंचलिक स्वरूप देखने को मिलता है। संस्कृति के इस आंचलिक स्वरूप के दर्शन यहाँ की आदिवासी-लोक कलाओं में स्पष्ट परिलक्षित होते हैं। यहाँ की कला परम्परा में आदिवासी तथा लोक तत्व इतने…
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Joystu Dutta
Deepadih, a lesser known archaeological site located at the confluence of Kanhar and Galfulla rivers in Surguja, is 70 km from the district headquarters of Ambikapur, Chhattisgarh. Deepadih is of great archaeological significance. Excavated by a team of Directorate of Archaeology and Museums, it…
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आशीष सिंह
  उपलब्ध विवरण के आधार पर छत्तीसगढ रायपुर के स्वतंत्रता सेनानियों की जीवनी एवं सूची यहाँ प्रस्तुत की जा रही है।     नारायण सिंह वर्ष 1856 में छत्तीसगढ़ में भीषण अकाल पड़ा था। जमींदार नारायण सिंह की प्रजा के समक्ष भूखों मरने की स्थिति थी। उन्होंने अपने गोदाम से अनाज लोगों को बांट दिया, लेकिन वह मदद…
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आशीष सिंह
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आशीष सिंह
छत्तीसगढ़ में जंगल के संघर्ष का इतिहास पुराना है। छत्तीसगढ़ में जंगल सत्याग्रह की घटनाएं ब्रिटिश शासन के फरमान का नतीजा थीं। ब्रिटिश सरकार के भारतीय कारिन्दे उनके आदेशों का पालन करवाने के लिए अमानवीय रवैया अपना रहे थे। इससे इस संघर्ष को अधिक बल मिला।      नगरी-सिहावा जंगल सत्याग्रह: वर्ष 1920 नगरी-…
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आशीष सिंह
                                         छत्तीसगढ़ में जल संघर्ष का इतिहास  पुराना है। चूंकि स्वाधीनता आंदोलन व जल संघर्ष साथ-साथ ही चले, इसलिए हम इसे स्वतंत्रता संग्राम का हिस्सा मान लेते हैं। हालांकि, यह सच नहीं है। ये दोनों आंदोलन पृथक रहे हैं। यह सर्वविदित है कि कंडेल नहर सत्याग्रह की घटना…
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आशीष सिंह
देश के अन्य हिस्सों की भांति, वर्तमान छत्तीसगढ़ के कुछ इलाकों में भी, अंग्रेजी शासन की नीतियों के विरुद्ध जन आक्रोश उभरने लगा था। सन १९२० में रायपुर जिले के धमतरी, कंडेल, नगरी, सिहावा, बादराटोला एवं नवापारा-तानवट आदि स्थानों पर प्रशासन के जल एवं जंगल सम्बन्धी जनविरोधी आदेशों के विरुद्ध आंदोलन हुए।…
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Preeti Bahadur Ramaswami, Mushtak Khan
Field Notes: Performing Bharthari—Change and Continuity in Chhattisgarh   Rekha Jalkshatri arrives for the recording of her performance of the epic of Raja Bharthari on a hot day in the month of March with an all-male troupe in tow. They disband from a van and proceed to change into their ‘costumes…
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